Ramakrishna Jayanti
Ramakrishna Jayanti is an annual Hindu festival celebrated to commemorate the birth anniversary of Sri Ramakrishna Paramahamsa, a revered saint and spiritual leader of 19th-century India. He was born on February 18, 1836, in the village of Kamarpukur in West Bengal, India.
Ramakrishna Paramahamsa is known for his teachings on spirituality, devotion, and the harmony of religions. He emphasized the universality of God and the importance of experiencing divine love through various spiritual paths. His teachings have had a profound influence not only on Hinduism but also on other religious traditions around the world.
During Ramakrishna Jayanti, devotees gather at Ramakrishna Math and Mission centers across India and around the world to participate in special prayers, bhajans (devotional songs), discourses on Ramakrishna's life and teachings, and other spiritual activities. The day is marked by reverence, introspection, and a renewed commitment to spiritual practice and service to humanity.
👉 𝐉𝐨𝐢𝐧 𝐁𝐚𝐜𝐡𝐩𝐚𝐧 𝐒𝐜𝐡𝐨𝐨𝐥, 𝐃𝐚𝐭𝐢𝐚
📚Admissions are Open for the Academic Year 2024-2025
🔋https://whatsapp.com/channel/0029VaK0ThOLdQeZioeTxF2e
💻https://ramnagarcolony.bachpanglobal.in/
🌐https://www.datia.academicheights.in/
✅https://rb.gy/kt7ivr / admission enquiry
🌐https://bachpanschooldatia.blogspot.com
📱 +𝟗𝟏 𝟕𝟎𝟎𝟎𝟓𝟔𝟒𝟒𝟒𝟔, 𝟵𝟴𝟮𝟲𝟰-𝟯𝟴𝟳𝟭𝟲
रामकृष्ण जयंती एक वार्षिक हिंदू त्योहार है जो 19वीं सदी के भारत के श्रद्धेय संत और आध्यात्मिक नेता श्री रामकृष्ण परमहंस की जयंती मनाने के लिए मनाया जाता है। उनका जन्म 18 फरवरी, 1836 को भारत के पश्चिम बंगाल के कामारपुकुर गाँव में हुआ था।
रामकृष्ण परमहंस को आध्यात्मिकता, भक्ति और धर्मों के सद्भाव पर उनकी शिक्षाओं के लिए जाना जाता है। उन्होंने ईश्वर की सार्वभौमिकता और विभिन्न आध्यात्मिक मार्गों के माध्यम से दिव्य प्रेम का अनुभव करने के महत्व पर जोर दिया। उनकी शिक्षाओं का न केवल हिंदू धर्म बल्कि दुनिया भर की अन्य धार्मिक परंपराओं पर भी गहरा प्रभाव पड़ा है।
रामकृष्ण जयंती के दौरान, भक्त विशेष प्रार्थनाओं, भजनों (भक्ति गीतों), रामकृष्ण के जीवन और शिक्षाओं पर प्रवचन और अन्य आध्यात्मिक गतिविधियों में भाग लेने के लिए भारत और दुनिया भर में रामकृष्ण मठ और मिशन केंद्रों पर इकट्ठा होते हैं। यह दिन श्रद्धा, आत्मनिरीक्षण और आध्यात्मिक अभ्यास और मानवता की सेवा के लिए एक नई प्रतिबद्धता द्वारा चिह्नित है।